राजेश कपिल/चंडीगढ़। धर्म की आड़ लेकर गल्ले की कमाई खाने वाले तथाकथितों तथा राजनीतिक साजिश व रंजिश के चलते कहीं भी धर्मस्थल स्थापित करवाने वाले फुकरे प्रधानों के अब दिन फिरने वाले हैं। नगर निगम जालंधर को सबसे पहले शहर के अंदर से एसे धर्मस्थल हटाने का आदेश जारी हुआ है, जो लैंडमार्क नहीं थे और किसी ने अपने घर में स्थापित कर लिए। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आज एक अहम फैसले में पंजाब सरकार व स्थानीय निकाय का पक्ष सुनने के बाद ऐसे अवैध स्थापित धर्मस्थलों को तत्काल प्रभाव से बंद कराने का आदेश जारी किया है। स्थानीय निकाय विभाग के सचिव ने इस बाबत शपथपत्र भी उच्च अदालत में दायर कर दिया है। वहीं, जालंधर के नगर निगम कमिश्नर की भी जिम्मेदारी तय कर दी है। चूंकि यह जजमैंट हाईकोर्ट की है इसलिए यह पंजाब व हरियाणा समेत चंडीगढ़ में तो कम से कम एकस्वर में लागू मानी जाएगी जिससे वहां के भी ऐसे विवाद हल होंगे। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में जालंधर में मनमाने ढंग से स्थापित धर्मस्थलों को बंद कराने की मुहिम जोर पकड़ेगी और धर्म की आड़ में गल्ले की कमाई खाने वाले मेहनत करके कमाते दिखाई देंगे।